समाजशास्त्र (वैकल्पिक विषय) फाउंडेशन कोर्स
(Offline Classroom Programme)

Admission Open


    कोर्स की मुख्य विशेषताएं

  • 1. समाजशास्त्र फाउंडेशन कोर्स के अंतर्गत समाजशास्त्र मुख्य परीक्षा (समाजशास्त्र के दोनों प्रश्न पत्र ) का गहन एवं विस्तृत अध्यापन शामिल।
  • 2. प्रोग्राम / कोर्स की कुल अवधि 400 - 500 घंटे / 8 - 10 माह।
  • 3. प्रत्येक कक्षा की अवधि 2 - 3 घंटे की तथा सप्ताह में 6 दिनों की कक्षा।
  • 4. यदि किसी छात्र का सेशन छूट जाता है तो उस छूटे हुए कक्षा को फिर से करने की सुविधा (Hybrid Class Programme)।
  • 5. Study Materials (3000 pages / 15 - 20 Booklets) की उपलब्धता + 5 Workbook (Mains) + 1200 से अधिक प्रश्नों के उत्तर की संरचना पर चर्चा।
  • 6. Daily Test - 100; Unit Test - 20; Complete Test - 4
  • 7. प्रत्येक छात्र के लिए नियमित सलाह, प्रदर्शन का आकलन एवं उनका मार्गदर्शन।
  • 8. रेगुलर टेस्ट एवं कॉपी का नियमित मूल्यांकन।
  • 9. जब तक चयन नहीं हो जाता तब तक निःशुल्क ऑफलाइन क्लास करने की विशेष सुविधा।
  • डॉ एस. एस. पान्डेय के Demo Class को देखने के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
  • UPSC - Sociology (Optional) का पाठ्यक्रम को डाउनलोड करने के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

  • BPSC - Sociology (Optional) का पाठ्यक्रम को डाउनलोड करने के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

  • UPPSC - Sociology (Optional) का पाठ्यक्रम को डाउनलोड करने के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

  • UPSC - CSE में प्रमुख Optional Subjects की सफलता दर (Success Ratio) को जानने के लिए कृपया दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

  • Fees  : ₹  55,000/- (जीएसटी सहित)

    One Time Fees  : ₹  45,000/- (जीएसटी सहित)

    Fees in Installments :

      1st 2nd 3rd
      ₹ 25,000/- ₹ 15,000/- ₹ 15,000/-

    इस कोर्स से संबंधित अतिरिक्त जानकारी के लिए कॉल करें :   74280922240 / 9312511015  

    समाजशास्त्र ही क्यों...

      UPSC द्वारा पाठ्यक्रम में नवीन बदलाव के बाद कुछ छात्रों द्वारा यह धारणा बनायी गई कि वैकल्पिक विषय का चुनाव, उस विषय की भूमिका के आधार पर नहीं करके, सर्वाधिक अंकदायी होने के आधार पर किया जाए। परंतु, 2013 में UPSC के पाठ्यक्रम में नवीन बदलाव के बाद, UPSC की सफलता में वैकल्पिक विषय (500 अंक) की अपेक्षा GS की भूमिका प्राथमिक हो गयी है (1000 अंक) और GS का विषय क्षेत्र भी अत्यधिक व्यापक हो गया है। फलतः यह जरूरी हो गया है कि कम-से-कम समय में GS का समग्र एवं गहन अध्ययन किया जाय। ऐसे में वैकल्पिक विषय का चुनाव करते समय यह देखना अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है कि यह विषय GS में कितना उपयोगी है। एक वैकल्पिक विषय के रूप में समाजशास्त्र में दोनों ही विशेषताएँ विद्यमान हैं। यह विषय हमारे दैनिक जीवन से संबंधित होने के कारण सर्वाधिक सरल, बोधगम्य एवं अंकदायी है, साथ ही अब GS की तैयारी में भी इसका महत्त्व बढ़ गया है। (300 अंक से अधिक).